बुधवार, 11 अप्रैल 2018

यूएसपी

उस दिन इंतजार की कापी पर
मैंने प्रेम लिखा और उसे भींच लिया
बांहों में , तो लगा जैसे असहज हो प्रेम
धड़कनें एकसार तो हुईं पर तुम
पढ़ ना पाये प्रेम का एल्गोरिथ्म
तो झट स्टोरी को बचाने के लिए
टैग किया मैंने अपनापन
ताकि एक यूआरएल तो जनेरेट हो
प्रेम ना सही, अपनापन ही सही
कुछ तो ट्रेंड सेट हो,
प्रेम तो यूएसपी है हमारा
उसे कौन छीन ले जायेगा
यह विश्वास है मेरा जिंंदगी भर का...

रजनीश आनंद
11-04-18

गुरुवार, 18 जनवरी 2018

...तुम वो चोर पाकेट हो...


जिंंदगी की कोट में
तुम वो चोर पाकेट हो
जिसे दर्जी ने खास 
मेरे लिए सिला,पर
कोट देते वक्त बताया नहीं
चोर पाकेट से अनजान मैं
बाहरी पाकेट में चाहती थी 
सहेजना खुशियां, पर
कभी सड़क के गड्ढे
तो कभी स्पीडब्रेकर की 
ठोकर से वो फुदक कर
बाहर जा बैठीं,
उस दिन जब अचानक नजर
पड़ी मेरी इस चोर पाकेट पर तो
सहसा यकीन नहीं हुआ
ख्याल आया, मेरा ही कोट है यह?
जिसमें अनगिनत खुशियां 
सहेजीं थीं दर्जी ने मेरे लिए
चोर पाकेट को मैं दिखा ना पाऊं
चाहे सब को, लेकिन इसमें
संजोया है मैंंने असली मुस्कान
जो जिंदगी की पूंजी और
पूरा वजूद हैं मेरा, शायद , हां शायद ही
कभी तुम समझ जाओ मेरी बात
और चोर पाकेट से मेरे प्रेम को...

रजनीश आनंद