बुधवार, 13 जनवरी 2016

रजाई, स्मार्टफोन और तुम...

जाड़े में रजाई का क्या महत्व है, यह उस इंसान से ज्यादा कौन जान सकता है, जिसने कड़कड़ाती ठंड में पूस की रात बिना रजाई के काटी हो. रजाई ऐसी चीज है जिसकी विशेषता बताने वाले अापको कई मिलेंगे. रजाई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें नींद बड़ी प्यारी आती है. सुबह अगर आप छह बजे उठने के शौकीन हैं, तो याद रखें कि रजाई वो माशूका है, जो आपको आठ बजे तक खुद से अलग न होने दे.

रजाई का एक अहम गुण यह भी है कि अगर आप किसी से नजरें चुराना चाहते हैं, तो रजाई तान कर चुपचाप पड़े रहें, अगला आपको सोया हुआ समझकर चला जायेगा. युवा लड़के रजाई के इस गुण का खूब इस्तेमाल करते हैं. रात को घर लेट पहुंचे हों और पापा की डांट पढ़ने वाली हो, उससे पहले रजाई तान लें.

अगली सुबह तो ‘रात गयी बात गयी’ की तर्ज पर पापा का गुस्सा उतर गया होगा या फिर अगर गुस्से की तपिश कुछ बाकी भी रही होगी, तो वह उतना नुकसान नहीं करेगी. जितना रात को करती. अरे जरा कान इधर लाइए, रजाई की एक खास और सबसे अहम खूबी, तो मैं आपको बताना भूल ही गयी. अगर आप इससे वाकिफ हैं, तो कोई बात नहीं , इसे सुनी सुनायी बात जानकर भुला दीजिएगा, लेकिन अगर आपके लिए नयी है, तो मेरा आग्रह है कि आप भी इसे इस्तेमाल करें. यकीन मानिए मजा बहुत आयेगा.

 लव यू-आई लव यू टू के चक्कर में फंसे युवाओं को रजाई की यह खूबी भाती है. नहीं समझें, अरे मैं बात कर रही हूं इंटरनेट के जमाने के ‘चैटिंग लव’ की. पूरे दिन तो ये तोता-मैना की तरह कहीं ना कहीं मिल लेते हैं. लेकिन रात... यह तो काटे नहीं कटती. (युवा वर्ग बुरा ना माने) ऐसा नहीं है कि विरह की आग आज के युवाओं को ही अधिक जलाती है. हर युग में अपने प्रेम को पूर्णता देने की कहानियां हमारे देश में मौजूद है. फिर चाहे वह सतयुग हो या कलियुग.
इसलिए मैं आज के युवाओं के प्रेम पर कोई तंज कस रही हूं, राधे-राधे ऐसा पाप मैं कर ही नहीं सकती. मैं तो यह बता रही हूं कि किस तरह नयी तकनीक ‘लव बर्ड्‌स’ को जोड़कर रखती है. शाम को जल्दी-जल्दी काम निपटाकर जब दोनों बिस्तर पर होते हैं, तो स्मार्टफोन ही तो वह जरिया है, जो उन्हें जोड़कर रखता है. एक दूसरे के सांसों की खुशबू ‘वाया डाटा’ उनतक पहुंचती है. फिर तो बातें ‘आई मिस यू से आई लव यू और आई डाई विदआउट यू’ तक पहुंच जाती है.

लेकिन मैं बात रजाई के खूबी की कर रही थी, तो इस मधुर बेला में अगर मम्मी-पापा में से कोई एक आ जाये, तो रजाई आपके लिए ब्रह्मास्त्र है, उसे चलाइए और आराम से बच जाइए, कोई नहीं पूछेगा कि क्या हो रहा है.
कई बार तो जगे हुए में पापा के सामने भी लड़के-लड़कियां उनकी नजरों से बचते हुए रजाई के अंदर से मैसेेज कर देते हैं और पापा बेचारे को पता भी नहीं चलता. तभी तो कहते हैं ना पूस की रात तब और कातिलाना हो जाती है, जब साथ होते हैं रजाई, स्मार्टफोन और तुम...

रजनीश आनंद
13-01-16

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें