शुक्रवार, 11 मार्च 2016

कैसा होगा वह पल प्रिये...


गूगल से साभार
कैसा होगा वह पल प्रिये
जब मिलेंगे हम तुम
सांसें थम जायेंगी
या बढ़ जायेंगी धड़कनें
अनिमेष मेरी नजरें
निहारेंगी तुम्हें
समय ठहर जायेगा
और खिल उठेंगे फूल
चांदनी मदमस्त होगी
और ऋतुराज मेहरबान
ना रहेगी सुध-बुध
ना कोई ख्वाहिश
बस थाम लो हाथ
मेरा यही है प्रेम निवेदन
आरजू बस इतनी सी है
जब करूं जग को विदा
तुम आना प्रिये बन
हवा का मधुर झोंका
कैसा होगा वह पल प्रिये
जब मिलेंगे हम-तुम, जब मिलेंगे हम-तुम..
रजनीश आनंद
11-03-16

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