मंगलवार, 22 मार्च 2016

आओ प्रिये मैं तुम्हें रंग ला दूं

गूगल से साभार
आओ प्रिये मैं तुम्हें रंग ला दूं
अबकि होली को यादगार बना दूं
लाल, हरा, पीला या नीला
किस रंग से रंग दूं मैं तुम्हें
चाहत है मेरी रंग ऐसा हो
जिसे देख भान हो मुझे
तुम मेरे कनु,
मैं तुम्हारी प्रिया
अरमान तो है कि
रंग दूं तुम्हें मैं अपने रंग में
लेकिन डरती भी हूं कि
कहीं मैं खुद ही न
रंग जाऊं तुम्हारे रंग में.
जानती हूं, मैं अबकि होली
जब आओगे पास तुम मेरे
सारे रंग हो जायेंगे फीके
बस दिखेगा एक रंग
जिसके पीछे होकर दीवानी
मैं बन गयी तुम्हारी मीरा
और लब खुद ही बोल पड़े
मैं उस कनु की
जिसकी है सांवली सलोनी सूरत.
आओ प्रिये मैं तुम्हें रंग ला दूं
अबकि होली को यादगार बना दूं
रजनीश आनंद
22-03-16

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