शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

रिश्तों का सच

टीवी स्टार प्रत्यूषा बनर्जी ने आत्महत्या कर ली. अब इल्जाम उसके ब्वॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह पर आ रहा है कि संभवत: उसने उसकी हत्या कर दी या फिर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया. कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि राहुल राज ने उसे नशे का आदी बना दिया था. जैसी जानकारी है, उसके आधार पर यह कहा जा रहा है कि दोनों प्रेम में थे और एक साथ एक ही फ्लैट में भी रहते थे. दोनों के प्रेम संबंधों का अतीत था. प्रत्यूषा भी पहले किसी से प्रेम करती थी और राहुल राज भी. राहुल राज तो पहले से शादीशुदा भी था. मेरी व्यक्तिगत जो सोच है, उसके अनुसार निश्चित तौर पर दोनों को एक दूसरे के पुराने संबंधों के बारे में पता होगा. अगर आप किसी इंसान के कितने करीब होते हैं कि वो आपके लिए खास हो जाये, तो इस तरह की बातें स्वत: सामने आ जाती हैं.
फिर अगर आप प्रेम में हैं, तो इतनी जानकारी तो हो ही जाती है. ऐसे मैं अगर दो इंसान सारी सच्चाई जानते हुए संबंध बनाते हैं और उसमें कुछ बुरा होता है, तो मेरी समझ से दोषी एक व्यक्ति कैसे हो सकता है. प्रत्यूषा सारी बातों को जानती ही होगी फिर उसने जो कुछ किया, उसके लिए सिर्फ राहुल राज को दोषी ठहराना सही नहीं है. पहले तो आप अपने विवेक से निर्णय करते हैं कि फलां आदमी के साथ आपको रहना है, हर तरह के संबंध बनाने हैं, फिर उसी पर धोखे का आरोप क्यों? यह बात तो संबंध बनाने से पहले सोचनी चाहिए थी. कानून के दायरे में रहकर जब आप संबंध बनाते नहीं हैं, तो फिर उसे कानूनी रूप देना क्यों चाहते हैं. आपका संबंध स्वत: सुखाय है, तो उसे उसी तरह लीजिए. उसे कानूनी रूप देने की कोशिश करेंगे तो परेशानी तो होगी ही. अकसर अखबार में खबरें छपती हैं कि एक महिला ने किसी पुरुष पर शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया. मेरा यह मानना है कि अगर आप किसी से शादी करना चाहती हैं, तो शादी करें, फिर शारीरिक संबंध बनायें. अगर कोई व्यक्ति आप पर इसके लिए दबाव बना रहा है, तो आपको इतनी समझ तो होनी ही चाहिए कि आप यह समझ सकें कि वह रिश्ते को लेकर कितना गंभीर है.
गलती से संबंध बन गये और भावना में बहकर हमने गलती की इस तरह की बातें समझ से परे हैं. ऐसा एक बार हो सकता है. वर्षों कोई आपको झांसा नहीं दे सकता, वह भी तब जब आप बालिग हैं. 14-15 साल की बच्ची को कोई झांसा दे सकता है, 24 साल और 30 की युवती को नहीं. ऐसा नहीं है कि प्रत्यूषा की मौत का मुझे दुख नहीं है. लेकिन जीवन से हार जाने वाले इंसान मुझे पसंद नहीं हैं. राहुल राज साथ नहीं दे सका, तो उसे यह समझना चाहिए था कि वह उसके लायक नहीं था. दुनिया में उसके जैसे और उससे बेहतर कई लड़के प्रत्यूषा को मिल सकते थे. दूसरी बात यह भी है कि शादी ही जीवन का एकमात्र लक्ष्य नहीं है. प्रत्यूषा अच्छी अभिनेत्री थी, उसे अपने कैरियर पर ध्यान देना चाहिए था. राहुल राज अगर उसके प्रेम के लायक नहीं था, तो यह दोष राहुल का था प्रत्यूषा का नहीं, इसके लिए उसे आत्महत्या करने की जरूरत मेरी समझ से तो नहीं थी. हां अगर इस बात में कोई सच्चाई है कि राहुल ने उसकी हत्या की है, तो नि: संदेह उसे सजा होनी चाहिए क्योंकि प्रेम की आड़ लेकर किया गया गुनाह माफी के लायक नहीं होता.

रजनीश आनंद
09-04-16

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