सोमवार, 19 जून 2017

अनगिनत रंग

मौत बेरंग होती है
रुखी, नीरस
कफन का सफेद रंग
छीन लेता है होंठों की खुशी
लेकिन मौत नहींं लूट सकती
किसी के जज्बे को
जीवन के प्रति
उसके प्रेम को
मौत की उदासी पर
कई गुणा भारी है
इंसान की संकल्पशक्ति
तभी तो देखा मैंने
उस औरत की आंंखों में
मौत को परास्त करने की तिश्नगी
मौत ले भागी है उसके
सिंदूर का लाल रंग
धुल गयी है कपड़े की रंगीनी
लेकिन वह हारी नहीं
वह देगी अपने बच्चों के भविष्य को
सुंदर रंगीन मंच
जहां से साफ दिखेगा
एक औरत का संघर्ष
और उसके जीवन के अनगिनत रंग...
रजनीश आनंद
19-06-17

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