शनिवार, 27 मई 2017

मन पतंग

पतंग की तरह
ऊंचे आसमान में
उड़ना चाहती हूंं
जानते हैं सब
अगर ढील मिली
तो ऊंचे उड़ जाऊंगी मैं
इसलिए लटई को
तान कर पकड़ते हैंं
अंकुश लगते हैं
मेरी उड़ान पर
सुरक्षा के नाम पर
काट दिए जाने का
डर दिखाते हैं
तो कभी आड़ लेते है
हवा के विपरीत दबाव का
लेकिन मैं अपने हिस्से का
आसमान चाहती हूं
किसी के अधिकारों
पर कब्जा नहीं
औरत हूं तो क्या ?
पूर्वाग्रह नहीं , मौका चाहती हूं...
रजनीश आनंद
27-5-17

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