आम आदमी पार्टी के नेता और आईबीएन 7 के संपादक रहे आशुतोष जी ने आज एक ब्लॉग लिखा है, एनडीटीवी के लिए. जिसमें उन्होंने सीडी कांड में फंसे संदीप कुमार का बचाव किया है. आशुतोष ने लिखा है कि सेक्स हमारी दिनचर्या का हिस्सा है. इसपर बवाल नहीं मचना चाहिए. सही बात है. लेकिन उन्होंने यह कहा है कि नेहरू का एडविना के साथ, गांधी का सरला चौधुरी के साथ, वाजपेयी का अपनी कॉलेज फ्रेंड और जार्ज का जया जेटली के साथ इसी तरह का रिश्ता था.
मुझे उनके इस बयान पर आपत्ति है. जिन संबंधों का उन्होंने जिक्र किया है उनके संबंधों की तुलना संदीप कुमार के संबंध से नहीं करनी चाहिए. यह संबंध प्रेम को परिभाषित करते थे. लेकिन संदीप कुमार के संबंध में सौदा था, टिकट के लिए शारीरिक संबंध बनाओ. यह तो वही बात हो गयी कि कोई आसाराम की तुलना श्रीकृष्ण से कर दे. जो लोग प्रेम को समझ नहीं सकते, उन्हें प्रेम पर बोलने का हक भी नहीं होना चाहिए. प्रेम सौदा नहीं है. मैं यह नहीं दावा करती कि इन संबंधों में शारीरिक संबंध नहीं बने होंगे, बने होंगे लेकिन इन संबंधों में आत्मीयता थी. ब्लॉग लिखने से पहले यह बात आशुतोष जी को समझनी चाहिए थी.
एक बात और कल से मीडिया में संदीप कुमार की खबर छाई हुई है मानो दुनिया में उससे बड़ी कोई खबर नहीं. यहां जनहित के इतने मुद्दे हैं लेकिन उनसे किसी को कोई लेना-देना नहीं . कौन किसके साथ सोता है यह बड़ी खबर है मीडिया के लिए. आज एक गर्भवती महिेला को देश में इलाज नहीं मिला और उसका बच्चा मर गया उसकी किसी को चिंता नहीं. ठीक है वह महिला एड्स पीड़ित थी लेकिन इसमें बच्चे का क्या दोष था. अब यह नेता जो सीडी प्रकरण में उलझे हैं उन्होंने अपनी कब्र खुद खोदी है, उन्होंने महिलाओं के साथ सीडी उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए बनायी थी. उन्हें आशंका थी महिलाएं उनपर रेप का केस दर्ज कर सकती हैं. इस व्यक्ति ने अपने पद का दुरुपयोग किया इसमें कोई दो राय नहीं है, इस दृष्टकोण से उनकी निंदा की जानी चाहिए.
रजनीश आनंद
02-09-16
मुझे उनके इस बयान पर आपत्ति है. जिन संबंधों का उन्होंने जिक्र किया है उनके संबंधों की तुलना संदीप कुमार के संबंध से नहीं करनी चाहिए. यह संबंध प्रेम को परिभाषित करते थे. लेकिन संदीप कुमार के संबंध में सौदा था, टिकट के लिए शारीरिक संबंध बनाओ. यह तो वही बात हो गयी कि कोई आसाराम की तुलना श्रीकृष्ण से कर दे. जो लोग प्रेम को समझ नहीं सकते, उन्हें प्रेम पर बोलने का हक भी नहीं होना चाहिए. प्रेम सौदा नहीं है. मैं यह नहीं दावा करती कि इन संबंधों में शारीरिक संबंध नहीं बने होंगे, बने होंगे लेकिन इन संबंधों में आत्मीयता थी. ब्लॉग लिखने से पहले यह बात आशुतोष जी को समझनी चाहिए थी.
एक बात और कल से मीडिया में संदीप कुमार की खबर छाई हुई है मानो दुनिया में उससे बड़ी कोई खबर नहीं. यहां जनहित के इतने मुद्दे हैं लेकिन उनसे किसी को कोई लेना-देना नहीं . कौन किसके साथ सोता है यह बड़ी खबर है मीडिया के लिए. आज एक गर्भवती महिेला को देश में इलाज नहीं मिला और उसका बच्चा मर गया उसकी किसी को चिंता नहीं. ठीक है वह महिला एड्स पीड़ित थी लेकिन इसमें बच्चे का क्या दोष था. अब यह नेता जो सीडी प्रकरण में उलझे हैं उन्होंने अपनी कब्र खुद खोदी है, उन्होंने महिलाओं के साथ सीडी उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए बनायी थी. उन्हें आशंका थी महिलाएं उनपर रेप का केस दर्ज कर सकती हैं. इस व्यक्ति ने अपने पद का दुरुपयोग किया इसमें कोई दो राय नहीं है, इस दृष्टकोण से उनकी निंदा की जानी चाहिए.
रजनीश आनंद
02-09-16
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