शुक्रवार, 24 मार्च 2017

कुछ बातें...

               1
जिंदगी की जद्दोजहद भी अजीब है
थोड़े से फायदे के लिए,रिश्ते बदलते रोज हैं
जो कल तक गलबहियां, डाले घूमते थे
वो आज कहते हैं, मतलब खत्म तो रिश्ता खत्म.
              2
मैंने देखा था उस लड़की को
प्रेम के लिए तड़पते हुए
लेकिन उसके दुपट्टे में कभी समाया नहीं वो
फिसलता गया रेत की तरह.
             3
रो तो मैं रोज लेती हूं, इसलिए नहीं कि
रोना औरतों का शगल है
बल्कि इसलिए कि कहीं आंसू सूख गये
तो समाज की बदहाली पर कौन रोयेगा.

रजनीश आनंद
24-03-17

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