मंगलवार, 24 अक्तूबर 2017

मैं तुम्हें याद नहीं करती

मैं तुम्हें याद नहीं करती
जीती हूं हर पल हर क्षण
जैसे नदी के किनारे नीर को
अंधियारा रात को
चांदनी चांद को.
तो यह सोच गमगीन
ना होना की तू
यादों में शामिल है मेरे
क्योंकि मैं याद नहीं करती तुम्हें
जीती हूं हर पल....
ए सुनो तुम्हें मैं बताऊं एक बात
अलसाई सुबह में कड़क चाय तुम
मुरझाये चेहरे पर गहरा चुंबन तुम
उदासी के पलों में मुस्कान तुम
बेबसी में एकमात्र सहारा तुम
क्योंंकि मैं याद नहीं करती तुम्हें
जीती हूं हर पल हर क्षण...

रजनीश आनंद
24-10-17

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