गुरुवार, 26 जनवरी 2017

...जो चेहरे पर दिखता है मेरे

तुम्हारे आगोश में जो सुकून है
वो चेहरे पर दिखता है मेरे
वैसे तो लिया नहीं नाम मैंने
तुम्हारा उस तरह कभी
फिर भी रह-रह कर
जिक्र आ ही जाता है तुम्हारा.
जो अनोखापन है हमारे प्रेम में
वो मोहताज नहीं किसी का
बस तुम मेरी दुनिया
और मैं तुम्हारी हूं
इस तरह जीयें कि
मेरे हिस्से की सांसें तुम भर लो
और तुम्हारी धड़कन
मेरे सीने में महसूस हो
कोई बुरी नजर नहीं
लील सकती हमारे प्रेम को
क्योंकि हम मजबूती के साथ खड़े हैं
हाथों में हाथ डाले...
रजनीश आनंद
26-01-17

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