मंगलवार, 12 जुलाई 2016

... और मैं तुम्हारी हो गयी

उस दिन मैं बहुत दुखी थी
तो तुम्हारी बहुत याद आयी थी
आज मैं बहुत खुश हूं
पर तुम्हारी कमी है
ऐसा तो नहीं कहती मैं कि
तुम्हें सबसे ज्यादा प्रेम करती हूं
लेकिन दावा है मेरा
किसी से कम भी नहीं करती हूं
जो तुम्हें प्रिय वो मुझे प्यारा
जो तुम कहो वो कर्णप्रिय
ना जाने क्यों तुम्हारे लिए
सीने में एक टीस सी उठती है
देख तुम्हारा चांद सा मुखड़ा,
खुद पर गर्व होता है
सोचती हूं, ईश्वर को कितना प्यार होगा मुझसे
तब तो उसने मेरी मांग में सजा दिया तुम्हें
...और मैं तुम्हारी हो गयी सिर्फ तुम्हारी

रजनीश आनंद
13-07-16

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