मंगलवार, 29 नवंबर 2016

तुम्हारे नाम एक पाती

प्रिये,
कैसे हो? हर सुबह जब गुड मार्निंंग के साथ यह सवाल मैं तुमसे करती हूं,तो भान होता है,जो सांसें रूकी थीं अबतक वो चल पड़ी हैं. और हां , जब तुम कहते हो एकदम ठीक, तो एक मुस्कान खिल जाती है मेरे चेहरे पर. जानते हो, तुम्हारे ये तीन लब्ज प्राणवायु बन गये हैं मेरे-तुम मेरी हो.
जब तुम इन्हें कहते हो ना,तो खुद पर गुरूर सा होता है, प्रतीत होता है मैं दुनिया की सबसे भाग्यशाली औरत हूं.
देखो ना तुम्हारे हर शब्द को अपने हाथों में समेट कर मैंने सीने से लगा रखा है. अजीब सी खुशी मिलती है. खुद में खोई रहती हूं खुशी नहीं, आनंद से सराबोर,एकदम तुम्हारे रंग मे रंगी.
मेरे जीवन की हर रात जो स्याह थी कभी, बेनूर थी, वो नये उत्साह से भरी है. सपने हैंं, तुम्हारा आलिंगन है, इंतजार है और सबसे बड़ी बात तुम्हारा प्यार है, जो हर दिन गुड नाइट कहकर मुझे ले जाता है तुम्हारे आगोश में जहां तुम्हारा स्नेहिल स्पर्श है और वो सब जो एक औरत को चाहिए....
तुम्हारी...

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