बुधवार, 1 फ़रवरी 2017

मेरी कमजोरी नहीं तुम...

मेरी कमजोरी नहीं तुम
कि
ना हो मिलन, तो टूट जाऊं मैं
तुम तो प्रेरणा हो
मेरे जीवन के
जो देता है मेरे जीवन को
नीले आकाश सा विस्तार
मिलन की आस तो
प्रेरित करती है मुझे
और मैं हर रोज
चुन लाती हूं मिलन की उम्मीद को
मानों चुन लाई मैं
हरसिंगार के फूल
खुद को सजा लेने को
इतनी गहराई है
प्रेम में तुम्हारे
कि
मैं जितना डूबती हूं
गहरा होता जाता है प्रेमरंग
क्षणिक आवेश या आकर्षण नहीं
तुम्हारे लिए प्रेम मेरा
इसमें तो ठहराव है
जीवन भर का...

रजनीश आनंद
01-02-17

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