बुधवार, 7 दिसंबर 2016

राधा भी रश्क करे इतना प्रेम...

सुनो प्रिये
मन में जो बात है
कहना चाहती हूं तुमसे
जो तुम ना सुनोगे तो
मूक हो जाऊंगी मैं
जानते हो पानी की तरह है मेरा प्रेम
एकदम पारदर्शी, झांककर देखो
छवि दिखेगी तुम्हें अपनी
जैसे चाहो इसे ढाल लो
भर लो किसी पात्र में,
या दे दो कोई और स्वरूप
एक बार होंठों से लगाकर
तो देखो, मिट जायेगी हर प्यास
हां, पानी की तरह है मेरा प्रेम
रंगहीन, गंधहीन
जो चाहे जैसा चाहे रंग दे दो इसे
लाल, हरा, पीला या नीला
एक बार सीने से लगाकर
सराबोर कर दो इसे अपनी मादक खुशबू से
ताकि आजीवन ना मिट पाये वो महक
बस इतनी सी है ख्वाहिश
राधा भी रश्क करे
इतना प्रेम दे दो मुझे...

रजनीश आनंद
08-12-16


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