बुधवार, 21 दिसंबर 2016

तुम्हारा आगोश

जिसमें गरमाहट है
तुम्हारे स्पर्श की
विश्वास है
हमारे प्रेम का
उम्मीद है
सुंदर भविष्य की
सपने हैं
हमारी खुशहाली के
उन्माद है
तुम्हारे चुंबन का
मादकता है
तुम्हारी नजरों की
शरारत है
तुम्हारी अंगुलियों की
भरोसा है
एक स्थायित्व का
जुड़ाव है
जीवन भर का
तब ही तो
जग में सबसे सुरक्षित है
तुम्हारा आगोश...

रजनीश आनंद
22-12-16

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